Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम ने कहा कि राज्य सरकार पोल्ट्री उत्पादों के उपयोग पर फिलहाल किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाने नहीं जा रही है। पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों से पोल्ट्री पक्षियों के किसी भी नमूने में बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है।
स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम ने कहा कि राज्य सरकार पोल्ट्री उत्पादों के उपयोग पर फिलहाल किसी प्रकार का प्रतिबंध लगाने नहीं जा रही है। पश्चिम बंगाल में स्थिति सामान्य है और चिंता की कोई बात नहीं है। सक्रिय इन्फ्लूएंजा की जांच-पड़ताल में एक भी व्यक्ति वायरस प्रभावित नहीं पाया गया। बीमारी का मानव-से-मानव संक्रमण नहीं हुआ है। स्वास्थ्य विभाग चिकन, अंडे जैसे पोल्ट्री उत्पादों के उपभोग पर प्रतिबंध लगाने के बारे में कोई सलाह जारी नहीं कर रहा है।
निगम ने बताया कि राज्य द्वारा संचालित बेलगछिया पशु स्वास्थ्य एवं पशु चिकित्सा जैविक संस्थान में पश्चिम बंगाल के विभिन्न भागों से वर्षभर में एकत्र किए गए कुल 30 हजार नमूनों का परीक्षण किया जाता है। तीस प्रतिशत नमूनों को भोपाल स्थित आईसीएआर-राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान में पुनः परीक्षण के लिए भेजा जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मालदा जिले के कालियाचक के चार वर्षीय बच्चे में जनवरी में इस बीमारी का पता चला था, जो उपचार के बाद ठीक हो गया। उन्होंने बताया कि एक अन्य बच्चा फरवरी में शहर से ऑस्ट्रेलिया गया था तथा वहां पहुंचने के बाद उसमें एवियन इन्फ्लूएंजा या बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई।
पशु संसाधन विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विवेक कुमार ने बताया, "हमने परिवार के सदस्यों तथा अन्य व्यक्तियों की सक्रिय निगरानी की तथा उनमें से किसी में भी वायरस की पुष्टि नहीं हुई। हम केवल इतना कह सकते हैं कि वायरस का स्रोत बंगाल नहीं था।"
इस बीच, स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रतिनिधियों की एक टीम ने गुरुवार को मालदा के कालियाचक में एक और दौर का निरीक्षण किया। निगम ने कहा, "टीम को अपनी निगरानी के आधार पर कुछ भी नहीं मिला।"
एच9एम2 बर्ड फ्लू वायरस एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का एक उपप्रकार है, जो संक्रामक जानवरों के साथ सीधे संपर्क या दूषित वातावरण के साथ अप्रत्यक्ष संपर्क के माध्यम से फैलता है।